· Essay On Mahatma Gandhi In Hindi And English Language: M.K. Gandhi is Indian freedom fighter and great man in the Indian history. Mahatma Gandhi is ideal for the crore of people all around world & India. here we are providing Mahatma Gandhi In Hindi and Mahatma Gandhi In the English Language for students and kids. they read in class 1,2,3,4,5,6,7,8,9, short 10 line and long length (,,,,,,) word essay, paragraph, history information about Mahatma Gandhi Estimated Reading Time: 2 mins · Short Essay on 'Mahatma Gandhi' in Hindi | 'Mahatma Gandhi' par Nibandh ( Words) in Famous Personalities of India, Freedom Fighters of India. महात्मा गाँधी 'महात्मा गाँधी' का जन्म 2 अक्टूबर सन में पोरबंदर में हुआ था · महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे। महात्मा गांधी Estimated Reading Time: 3 mins
Mahatma Gandhi Essay in Hindi , , Words महात्मा गांधी पर हिंदी निबंध
एस्से ऑन महात्मा गाँधी इन हिंदी पॉइंट वाइज दोस्तों अगर आप एक स्टूडेंट है. तो आपको निबंध लिखने में थोड़ा दिकत जरूर आती होगी खेर अगर आप महात्मा गाँधी पर निबन्ध लिखना चाहते है Mahatma Gandhi Essay in Hindi तो में आपको बताऊंगा की Mahatma Gandhi Par Nibandh Kaise Likhe और ये mahatma gandhi essay in hindi for class 4 से लेकर 12th तक स्टूडेंट के लिए बेस्ट होगा बस आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है।, mahatma gandhi hindi essay. महात्मा गांधी अभी के युग में सर्वोत्तम पुरुष थे जिन्होंने अपनी विचारधारा से पूरे समाज में एक अनोखा बदलाव लाया और लोगों को जीने का नया तरीका सिखाया। महात्मा गांधी ने पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया और लोगों को अहिंसा के रास्ते में चलने के लिए प्रेरित किया और लोगों को अपने हक के लिए लड़ने और अपने लोगों की सहायता करने के लिए प्रेरित किया।.
महात्मा गांधी Mahatma Gandhi हमारे देश के राष्ट्रपिता हैं उन्होंने हमारे देश के लिए अनेकों बलिदान दिए आज जो हम आजाद देश के हवा में सांस ले रहे हैं हमारी देश की इस आजादी में महात्मा गांधी जी का बहुत ही अहम भूमिका है। उनके अहिंसा वादी आंदोलन और सत्याग्रह आंदोलन के सामने अंग्रेजों ने घुटने टेक दिए।.
महात्मा गांधी Mahatma Gandhi का जन्म 2 अक्टूबर में गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी है। महात्मा गांधी का जन्म एक बहुत ही सामान्य परिवार में हुआ था. महात्मा गांधी अपने पिता के चौथी पत्नी के पुत्र थे महात्मा mahatma gandhi hindi essay के पिता जी का नाम करमचंद गांधी है और उनकी माता जी का नाम श्रीमती पुतलीबाई है, mahatma gandhi hindi essay.
महात्मा गांधी Mahatma Gandhi की माता जी बहुत ही धार्मिक विचारधारा की थी. उन्होंने महात्मा गांधी को धर्म religion के रास्ते पर चलने का आदेश दिया था महात्मा गांधी बचपन से ही बहुत ही आदर्शवादी और दयालु थे. उन्होंने अपने जीवन में श्रवण के माता पिता की भक्ति के विचार को बहुत ही अच्छे से उतार लिया था. वह अपने माता जी का बहुत ही ख्याल रखते थे और अपने पिताजी का हर काम में मदद करते थे. एक बार उनके पिताजी ने उन्हें राजा हरिश्चंद्र की कहानी सुनाएं जिसमें उन्होंने बताया कि राजा हरिश्चंद्र ने बहुत ही बलिदान दिया और सत्य ने ही उन्हें महान बनाया.
उसी वक्त से महात्मा गांधी ने यह प्रण लिया कि वह जीवन भर सत्य की राह पर चलेंगे चाहे कुछ भी हो वह असत्य की राह पर कभी नहीं चलेंगे, mahatma gandhi hindi essay. आज सत्याग्रह आंदोलन के कारण ही हम आजाद देश में रह पा रहे हैं.
गाँधीजी हमेशा ईमानदारी कि राह पर चले उनके जीवन में दो ऐसी घटनाएं हैं जिससे हमें सीख लेनी चाहिए. पहली घटना जोकि महात्मा गांधी के विद्यालय में घटी थी, mahatma gandhi hindi essay.
एक बार उनके विद्यालय में किसी विषय का परीक्षा आयोजित कराया गया था. जिसका निरीक्षण विद्यालय के कोई वरिष्ठ अधिकारी senior officer कर रहे थे. महात्मा गाँधीजी Mahatma Gandhi उस विषय में थोड़े कमजोर थे और उस परीक्षा में कुछ लिख नहीं पा रहे थे. तब उनके शिक्षक ने कहा कि तुम चोरी करके इस परीक्षा में कुछ लिखो पर महात्मा गांधी जी ने ऐसा नहीं किया.
जब उनके शिक्षक ने गाँधीजी से पूछा कि तुमने चोरी करके क्यों नहीं लिखा तो महात्मा गांधी जी ने कहा गुरु जी अगर मैं चोरी करके लिख लेता तो यह मैं खुद के साथ धोखा करता.
मैं उस विषय के बारे में नहीं जानता हूं. तो उस विषय की परीक्षा में अच्छा अंक लाकर क्या करूंगा. अब मैं इस विषय की तैयारी बहुत अच्छे से mahatma gandhi hindi essay और इसके परीक्षा में अच्छे अंक जरूर लाऊंगा.
उनके गुरु जी ने उनसे कहा ईमानदारी तुम्हें एक महान व्यक्ति बनाएगी. एक बार गांधी जी ने अपने घर से सोने का कुछ जेवर चुराया और उसे बेचकर अपना कर्ज चुकाया था. पर चोरी कि वह बात उन्हें दिन रात सताने लगी. उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अपने पिताजी को चोरी की यह बात जरूर बताएंगे और अपनी गलती को mahatma gandhi hindi essay. पर वह अपने पिताजी से कह नहीं पा रहे थे. तब उन्होंने अपने पिताजी mahatma gandhi hindi essay एक पत्र लिखा और उस पत्र में उन्होंने अपनी सारी बात बताई, mahatma gandhi hindi essay.
जब उनके पिताजी को यह पत्र मिला तो उनके पिताजी का आंखों में mahatma gandhi hindi essay आ गए, mahatma gandhi hindi essay. उन्होंने गांधी जी को अपने पास बुलाया और कहा बेटा तुमने चोरी करके गलत किया पर तुम्हारे अंदर अपनी गलती को स्वीकार करने की एक अद्भुत शक्ति है और यह तुम्हें एक महान इंसान बनाती है.
गलती सभी करते हैं पर गलती स्वीकार करने की शक्ति बस बहुत ही बहादुर लोगों के पास होती है. गांधी जी की शादी बहुत ही कम उम्र में हुई थी उनकी शादी 13 वर्ष कस्तूरबा गांधी के साथ करवाई गई थी. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi ने में mumbai university मैट्रिक की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई के लिए गुजरात mahatma gandhi hindi essay भावनगर में स्थित श्याम लाल दास कॉलेज में दाखिला ली.
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजराती भाषा से पूरी की थी. पर अब आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करनी थी जिसके कारण शुरुआत के दिनों mahatma gandhi hindi essay उन्हें बहुत ही परेशानी हुई, mahatma gandhi hindi essay. उनके घर वालों को उनके भविष्य की चिंता होने लगी. गांधीजी एक डॉक्टर बनना चाहते थे पर उनके पिताजी चाहते थे कि गांधी जी गुजरात के किसी बड़े राजघराने में एक अच्छे पद पर नौकरी करें और उस पद पर नौकरी करने के लिए उन्हें बैरिस्टर की डिग्री लेनी जरूरी थी.
तब उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड में दाखिला लिया और वह इंग्लैंड चले गए. सितम्बर को वे इंग्लैंड पहुंच गए. इंग्लैंड में 10 दिन रहने के बाद उन्होंने inner temple college में admission लिया, mahatma gandhi hindi essay.
वहां से उन्होंने अपनी बैरिस्टर की डिग्री पूरी की. भारत में 2 साल वकालत की प्रैक्टिस करने के बाद जब उन्हें लगा mahatma gandhi hindi essay अब उन्हें mahatma gandhi hindi essay वकालत में एक अच्छे अवसर प्राप्त नहीं होगी तो उन्होंने में में जाकर वकालत की प्रैक्टिस शुरू की.
वहां पर उन्होंने सबसे पहले एक व्यापारी के लिए मुकदमा लड़ा था. दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी 21 साल तक रहे हैं वहां उन्होंने राजनीति को समझा मानव अधिकार के नियमों को समझा.
गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रंग के आधार पर भेदभाव को महसूस किया दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ बहुत ही अधिक भेदभाव किया जा रहा था. एक बार गांधीजी ट्रेन में सफर कर रहे थे उनकी टिकट AC1 की ticket थी. पर उन्हें वहां बैठने नहीं दिया गया यह कहकर कि यहां पर सिर्फ अंग्रेज लोग बैठ सकते हैं जब महात्मा गांधी Mahatma gandhi hindi essay Gandhi ने इस बात का विरोध किया तो उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया. दक्षिण अफ्रीका में भी ब्रिटिश सरकार का शासन चल रहा था वहां भी भारतीयों और काले लोगों के खिलाफ बहुत सारे क्रूर और मानव अधिकार छीनने वाले कानून लाए जा रहे थे गांधी जी ने इन कानूनों का विरोध करना शुरू किया.
इस घटना के बाद गांधी जी ने मानव अधिकार और रंग के भेदभाव को दूर करने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक आंदोलन शुरू कर दिया. यह आंदोलन 7 वर्षों तक चला, mahatma gandhi hindi essay. दक्षिण अफ्रीका में 7 साल संघर्ष चलने के बाद वहां भारतीयों को और काले रंग के लोगों को वोट देने का अधिकार और बोलने का अधिकार प्राप्त हुआ. उनको उन सारी मानव अधिकार प्राप्त हुए जो कि वहां के श्वेत लोगों के पास थी, mahatma gandhi hindi essay.
भारत में इस समय तक अंग्रेजों का अत्याचार की समस्या काफी बढ़ गया था. उन्होंने हमारे देश के किसानों और लोगों पर बहुत अत्याचार करना शुरू कर दिया था अंग्रेजो ने हमारे किसानों की जमीनों को छीन लिया और उन्हें कर्ज में डूबा दिया. किसानों के ऊपर बहुत ज्यादा बोझ डाल दिया. अंग्रेजों ने किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवाई. अंग्रेजों ने जबरदस्ती हमारे किसानों का और हमारे देश के लोगों को जेल में बंद कर दिया जो भी उनके खिलाफ विरोध किया उनकी आवाज को कुचल दिया गया.
इस समय तक हमारे देश में गांधीजी की दक्षिण अफ्रीका के आंदोलन की चर्चा बहुत होने लगी तब गांधी जी को भारत वापस आने का आग्रह किया गया.
गांधीजी भारत वापस आए देशवासियों ने उनका बहुत ही हार्दिक और शानदार स्वागत किया और देशवासियों के मन में एक आस जगी कि हर व्यक्ति हमें अंग्रेजों की क्रूरता से आजादी दिलाएगा.
भारत आते ही उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा वादी आंदोलन शुरू कर दिया. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi जी ने ऐसे कई आंदोलन की जिसमें उन्होंने हमारे किसान और हमारे देशवासियों के लिए अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठा गांधीजी को इन आंदोलन के वजह से कई बार mahatma gandhi hindi essay में भी रहना पड़ा पर फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी हमारे देश और हमारे देशवासियों के लिए हमेशा लड़ते रहे, mahatma gandhi hindi essay.
इस हत्याकांड में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, mahatma gandhi hindi essay. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi ने इस निर्मम हत्या कांड के खिलाफ एक असहयोग आंदोलन शुरू किया.
हमारे देश के लाखों लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया और इस आंदोलन में गांधीजी का साथ दिया जिससे ब्रिटिश सरकार को एक बहुत बड़ा झटका मिला और यह mahatma gandhi hindi essay बहुत ही सफल हुआ. चोरी चोरा आंदोलन की वजह से गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया क्योंकि चोरी चोरा में किसानों ने अंग्रेजी पुलिस थानों में जाकर आगजनी की जिसमें बहुत से पुलिसवाले मारे गए गांधी जी ने उसी वक्त इस आंदोलन को वापस ले लिया उन्होंने कहा मैंने यह आंदोलन अहिंसा के रास्ते पर शुरू किया था.
इसीलिए उन्होंने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था. जब अंग्रेजों ने नमक पढ़कर बढ़ा दिया तब गांधी जी ने 12 मार्च को साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 mahatma gandhi hindi essay के पैदल यात्रा शुरू की जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार का नमक पर जो एकाधिकार का कानून लाया गया था. उसके खिलाफ आवाज उठाई उन्होंने कहा नमक हमारे लिए आधारभूत खाद्य सामग्री है और इसमें सभी मनुष्यों का एक समान अधिकार है.
हमारे देश में उस वक्त दलितों के साथ बहुत भेदभाव किया जा रहा था जैसे कि उन्हें सार्वजनिक जगहों पर आने जाने की अनुमति नहीं थी उनके साथ लोगों छुआछूत जैसी जघन्य भेदभाव Heinous discrimination करते थे.
दलितों को उन जगहों पर जाने की अनुमति नहीं थी जहां पर बड़े वर्ग के लोग mahatma gandhi hindi essay थे. इस भेदभाव का पुरजोर विरोध किया और हमारे लोगों को समझाया कि हमें अभी एकता की जरूरत है अगर हम अपने लोगों के साथ एक नहीं रहेंगे, mahatma gandhi hindi essay. तो हमें आजादी कभी नहीं मिलेगी. अंग्रेजों की फूट करो और राज करो की नीति और वह इसी नीति के तहत हमारे देश में शासन कर रहे थे.
बिहार के चंपारण जिले में अंग्रेजों ने गरीब किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा किया और उनसे जबरन नील की खेती करवाई गई नील की खेती का उन्हें बहुत कम मूल्य दिया जाता था और उन पर बहुत ज्यादा कर्ज भी थोप दिया गया था इस वजह से वहां के किसान बहुत mahatma gandhi hindi essay परेशान थे, mahatma gandhi hindi essay.
तब चंपारण के किसान ने गांधी जी को पत्र लिखा और वह गांधीजी साबरमती गांधी जी ने आश्वासन दिया कि वह चंपारण जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या का निवारण करेंगे. गांधीजी चंपारण के वहां उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात की और किसानों के समस्या के बारे में जाना और फिर उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ एक अवज्ञा आंदोलन शुरू किया.
गांधी जी Gandhi Ji ने 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की यह आंदोलन उन्होंने कांग्रेस का मुंबई अधिवेशन की बैठक से शुरू की. इसी आंदोलन के तहत 15 अगस्त को हमारे देश को आजादी मिली. अंग्रेजों mahatma gandhi hindi essay गांधी जी के दृढ़ संकल्प और निर्णय के सामने घुटने टेक दिए और हमारे देश को छोड़ कर चले गए. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि गांधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी पर बहुत लोगों का मानना है कि गांधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि रविंद्र नाथ टैगोर ने दी.
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हमें लोगों की मदद करनी चाहिए और अपने लक्ष्य के लिए दृढ़ संकल्प हमेशा रहना चाहिए। गांधी जी के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती कि हमें बुराई के खिलाफ लड़ना चाहिए और हमारे लोगों का साथ हमेशा देना चाहिए।. Home Education Health How To Essay.
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महात्मा गाँधी पर निबन्ध - Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
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